आरईसी लिमिटेड ने पंजाब में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए ₹4.29 करोड़ से वित्तपोषित मोबाइल मेडिकल यूनिट को हरी झंडी दिखाई

REC Ltd flags off Mobile Medical Unit Funded

REC Ltd flags off Mobile Medical Unit Funded

REC Ltd flags off Mobile Medical Unit Funded: आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसई और प्रमुख एनबीएफसी,  ने अपनी प्रमुख सीएसआर पहल मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के तहत पंजाब के 4 जिलों में चार मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) की खरीद और तैनाती के लिए ₹4.29 करोड़ की सहायता राशि प्रदान की। भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, पंजाब को सौंपी गई इन यूनिट्स को माननीय राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी ने पंजाब राजभवन में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

वंचित समुदायों के लिए जीवन रेखा के रूप में काम करते हुए, एमएमयू चार जिलों में आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेंगे। आरईसी फाउंडेशन अपने सीएसआर पदचिह्न का विस्तार जारी रखा है, जिसके तहत पूरे भारत में विभिन्न मोबाइल मेडिकल यूनिट्स पहले से ही चालू हैं।

कार्यक्रम के दौरान, पंजाब के माननीय राज्यपाल ने वंचित और निर्धन लाभार्थियों के घर-द्वार पर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए आरईसी की पहल की प्रशंसा की।

चंडीगढ़ के राजभवन में आयोजित ध्वजारोहण समारोह में राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री के. शिव प्रसाद, राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री वी.पी. सिंह, आईआरसीएस पंजाब के सीईओ श्री एस. ढिल्लों और राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर आरईसी के ईडी (सीएसआर) श्री प्रदीप फैलो और आरईसी पंचकूला के वरिष्ठ सीपीएम श्री एम.ए. अली भी उपस्थित रहें।

आरईसी फाउंडेशन ने स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, स्वच्छ जल तक पहुंच, शिक्षा और कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, खेल और पर्यावरण स्थिरता में 400 से अधिक परियोजनाओं का समर्थन किया है। सीएसआर फंड में 1,300 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए जाने के साथ, सीएसआर गतिविधियों के लिए आरईसी की संचयी प्रतिबद्धता अब तक 2,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में- 

आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। 

आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 30 सितंबर, 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹5.46 लाख करोड़ और नेटवर्थ  ₹72,893 करोड़ है।